Quran Para 27 Twenty-Seventh Part Of The Quran : सूरह ज़ारियात के बचे हुए हिस्से में : फिरौन और उसके अहेलकारों के दरिया में डूबोए जाने, कौमें आद के हवा की नज़र किये जाने और कौमे समूद और कौमें नूह अलैहिस्सलाम के अज़ाबो में गिरफ्तार किए जाने का बयान है The twenty-seventh part of the Quran : सूरह ज़ारियात के बचे हुए हिस्से में : फिरौन और उसके अहेलकारों के दरिया में डूबोए जाने, कौमें आद के हवा की नज़र किये जाने और कौमे समूद और कौमें नूह अलैहिस्सलाम के अज़ाबो में गिरफ्तार किए जाने का बयान है
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Reporting By. – Md Alfaiz
Quran Para 27 – सूरह ज़ारियात के बचे हुए हिस्से में :
फिरौन और उसके अहेलकारों के दरिया में डूबोए जाने, कौमें आद के हवा की नज़र किये जाने और कौमे समूद और कौमें नूह अलैहिस्सलाम के अज़ाबो में गिरफ्तार किए जाने का बयान है
Quran Para 27 – सूरह तूर में कई बातें हैं :
(1) कयामत का बयान
(2) जन्नती जन्नत में किस तरह घूमे फिरेंगे और उनका एतराफ़ कैसा होगा इसका तज़केरा है
(3) नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को अहले मक्का ने क्या क्या कह कर अज़ीयतों का शिकार किया इसकी जानिब इशारा किया है
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सूरह नज्म में कई बातें मज़कूर हैँ :
(1) नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने जिब्रईल अलैहिस्सलाम को दो मर्तबा उनकी असली हालत में देखा, इब्तेदाए नबूवत में और मेअराज के मौके पर सिद्रतुल मुन्तहा के पास
(2) इंसान की कोशिश रायगाँ नहीं जाती है शर्त यह है कि वह अपनी कोशिश में मुखलिस हो
सूरह क़मर में कई बातें हैं :
(1) चांद के दो टुकड़े होने का बयान जो कि आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की नबूवत की निशानी और खुला हुआ मोअजज़ा था
(2) पूरा कुरान मजीद इंसानों के लिए नसीहत है इसीलिए इसे बहुत आसान बना दिया गया है ताकि हर शख्स समझ कर अपनी जिंदगी में नाफिज़ कर सके (3) मुख्तलिफ कौमों के दुनिया में अज़ाब में मुब्तिला होने और आखिरत के दिन परेशानी में घिरने का बयान है
सूरह रहमान में भी कई बातों का बयान है :
(1) क़यामत के दिन हिसाबो किताब के लिए तराज़ू कायम किया जाएगा
(2) अल्लाह ने इंसानों को दुनिया में बेशुमार नेमतें दी हैं और अच्छे लोगों को आखिरत में मुख्तलिफ नेमतों से नवाज़ेगा, उनका तज़केरा करके बार-बार यह सवाल किया है, कि अय इंसानों और जिनो ! तुम सब रब की किन-किन नेमतों का इनकार करोगे?
सूरह वाक्या की बाज़ बातें यह हैँ :
(1) कयामत किस तरह वाकेअ होगी, इसकी हल्की सी झलक बताई गई है
(2) कयामत के रोज़ लोग तीन ज़ुमरे में होंगे, साबेकीन अउवलीन, असहाबुल यमीन और असहाबुल मस्अमह यानी जहन्नमी लोग
(3) अल्लाह की कुदरते कामिला का बयान नुत्फ़े से बच्चे की पैदाइश, खेत में पौधे का उगाना, आसमान से बारिश नाज़िल करके उसे पीने के लिए मीठा बनाया, दरख़्तों से आग पैदा करना, यह सब अल्लाह की ही कारीगरी और कुदरत है किसी इंसान के बस की बात नहीं है
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सूरह हदीद की बाज़ बातें यह हैँ :
(1) अल्लाह की वहदानियत का बयान
(2) फतेह मक्का से पहले खर्च करने वालों और अल्लाह के रास्ते में जिहाद करने वालों की फज़ीलत का बयान है
(3) क़यामत के दिन मोमिनो को एक नूर दिया जाएगा जिसकी रोशनी में वह चल रहे होंगे और मुनाफिकीन उस नूर से महरूम होंगे
(4) लोहा के फवाएद का बयान है कि इससे हथियार बनाते हो और दूसरे मुनाफे हासिल करते हो जैसे घर बनाना, गाड़ी बनाना, पुल बनाना वगैरह