The seventh part of the Quran : (पहला हिस्सा) सूरह माएदा के बचे हुए हिस्से में तीन बातें हैं : 1- हब्शा के नसारा की तारीफ 2- हलालो हराम के चंद मसाएल 3- कयामत और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का तज़केरा The seventh part of the Quran : (पहला हिस्सा) सूरह माएदा के बचे हुए हिस्से में तीन बातें हैं : 1- हब्शा के नसारा की तारीफ 2- हलालो हराम के चंद मसाएल 3- कयामत और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का तज़केरा
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MD ALFAIZ
The seventh part of the Quran : 1- हब्शा के नसारा की तारीफ
जब उनके सामने क़ुरआन की तिलावत की जाती है तो उसे सुन कर उनकी आँखें आंसुओं से तर हो जाती है
The seventh part of the Quran : 2- हलालो हराम के चंद मसाएल
हर चीज़ खुद से हलाल और हराम न बनाओ, लग्व कसमों (बिला क़स्द और इरादा वाली कसमो) पर मुआख्ज़ा नहीं होगा, अलबत्ता यमीने ग़मूस ( झूटी कसमों)पर कफ़्फ़ारा है, यानी दस मुस्कीन को दो वक्त का खाना खिलाना या उन्हें पहनने के लिए कपड़े देना या एक गुलाम आज़ाद करना और इन तीनों को न कर सकने की सूरत में तीन दिन रोज़े रखना
The seventh part of the Quran : 2- हलालो हराम के चंद मसाएल
01. शराब, जुआ, बुत और पांसा हराम है
02. हालते एहराम में महरम तरी (पानी) का शिकार कर सकता है, खुश्की का नहीं
03. हरम में दाखिल होने वाले के लिए अमन है
04. चार किस्म के जानवर मुशरेकीन ने हराम कर रखे थे, बहीरह, सायबह, वसीलह और हाम
3- कयामत और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का तज़केरा
कयामत के दिन हज़रात अम्बिया अलैहिमुस्सलाम से पूछा जाएगा कि जब तुमने हमारा पैग़ाम पहुंचाया तो तुम्हे क्या जवाब दिया गया ? उसी सवालो जवाब के तनाज़ुर में हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम पर अल्लाह तआला अपने एहसानात गिनवाएँगे, उन एहसानात में माएदा वाला किस्सा भी है कि हवारियों ने हज़रत ईसा से कहा कि अल्लाह तआला से कहो हम पर ऐसा दस्तरख्वान उतारे जिसमे खाने पीने की आसमानी नेमतें हों, चुनांचे दस्तरख्वान उतारा गया, उन एहसानात को गिनवा कर अल्लाह तआला पूछेंगे कि अय ईसा क्या तुमने इनसे कहा था कि तुझे और तेरी माँ को माबूद मानें तो हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम अर्ज़ करेंगे तू पाक है, मैंने तो इनसे तेरी इबादत को कहा था
The seventh part of the Quran : (दूसरा हिस्सा) जो सूरह अनआम का शुरुवाती हिस्सा है इसमें तीन बातें हैँ
1- तौहीद
2- रेसालत
3- कयामत
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The seventh part of the Quran : 1- तौहीद
इस सूरत में अल्लाह तआला की हम्दो सना और अज़मतो किब्रीयाई खूब बयान हुई है
The seventh part of the Quran : 2- रेसालत
नबी अलैहिस्सलाम की तसल्ली के लिए अल्लाह तआला ने अट्ठारह अम्बिया इकराम का तज़केरा फ़रमाया है
1- हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम 2- हज़रत इस्हाक़ अलैहिस्सलाम 3- हज़रत याक़ूब अलैहिस्सलाम 4- हज़रत नूह अलैहिस्सलाम 5- हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम 6- हज़रत सुलैमान अलैहिस्सलाम 7- हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम 8- हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम 9- हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम 10- हज़रत हारुन अलैहिस्सलाम 11- हज़रत ज़करिया अलैहिस्सलाम 12- हज़रत याहिया अलैहिस्सलाम 13- हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम 14- हज़रत इलियास अलैहिस्सलाम 15- हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम 16- हज़रत यसा अलैहिस्सलाम 17- हज़रत यूनुस अलैहिस्सलाम 18- हज़रत लूत अलैहिस्सलाम
The seventh part of the Quran : 3- कयामत
~ कयामत के रोज़ अल्लाह तआला तमाम इंसानों को जमा करेगा (आयत-12)
~ रोज़े क़यामत किसी इंसान से अज़ाब का टलना उसपर अल्लाह की बड़ी मेहरबानी होगी (आयत-16)
~ रोज़े क़यामत मुशरिकीन से मुतालबा किया जायेगा कि कहाँ हैँ तुम्हारे सुरका (जिन्हे दुनिया में अल्लाह का शरीक मुकर्रर करते थे) ? (आयत-22)
~ उस रोज़ जहन्नमी तमन्ना करेंगे कि काश ! उन्हें दुनियां में लौटा दिया जाये ताकि वह अल्लाह की आयात को न झुटलायें और ईमान वाले बन जाएँ (आयत-27)
~ दुनियां की ज़िन्दगी तो खेल और मशगलह है, आख़िरत की ज़िन्दगी बदर्जहा बेहतर है (आयत-32)
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