Prophet Muhammad : हज़रत मोहम्मद (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) के बारे में गुरू ग्रंथ साहिब में गुरू नानक जी एवं अन्य सिक्ख गुरुओं के विचार:

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Prophet Muhammad सलाह़त मोहम्मदी मुख ही आखू नत! ख़ासा बंदा सजया सर मित्रां हूं मत!

Prophet Muhammad सेई छूटे नानका हज़रत जहां पनाह!

Prophet Muhammad

Prophet Muhammad अठे पहर भोंदा, फिरे खावन, संदड़े सूल! दोज़ख़ पौंदा, क्यों रहे, जां चित न हूए रसूल!

Prophet Muhammad मोहम्मद मन तूं, मन किताबां चार! मन ख़ुदा-ए-रसूल नूं, सच्चा ई दरबार!

Prophet Muhammad

Prophet Muhammad ले पैग़म्बरी आया, इस दुनिया माहे! नाऊं मोहम्मद मुस्तफ़ा, हो आबे परवा हे!

Prophet Muhammad अव्वल नाऊं ख़ुदाए दा दर दरवान रसूल! शैख़ानियत रास करतां, दरगाह पुवीं कुबूल!

Prophet Muhammad हुज्जत राह शैतान दा, कीता जिनहां कुबूल! सो दरगाह ढोई, ना लहन भरे, ना शफ़ाअ़त रसूल!

Prophet Muhammad

एक सिक्ख विद्वान डॉ. त्रिलोचन सिंह लिखते हैं कि…
❛हज़रत मोहम्मद नूं गुरु नानक जी रब दे महान पैग़म्बर मन्दे सुन।❜– (जिवन चरित्र गुरु नानक, पेज नम्बर 305)

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