– Anonymous

पूरे दिन सुस्त रहना या रात भर जागना:

ज्यादा खाना पीना:

रमज़ान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं है। इफ्तार और सहरी में संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। 

ज्यादा खाना पीना:

 बहुत ज्यादा खाना पीना पाचन संबंधी समस्या पैदा कर सकता है

रमज़ान का महीना सब्र और संयम का है। गुस्सा होना, गाली देना ।

गुस्सा होना और गाली देना:

 या किसी के साथ बुरा बर्ताव करना रोज़े के असल मकसद के खिलाफ है।

गुस्सा होना और गाली देना:

रोज़े के दौरान सिर्फ खाने-पीने से ही रोज़ा नहीं टूटता। धूम्रपान करना, नशा करना 

ग़लत चीज़ों का सेवन:

 या किसी भी तरह से शरीर में धुआँ या अन्य पदार्थ पहुँचाना भी रोज़ा तोड़ सकता है।

ग़लत चीज़ों का सेवन:

सहरी का समय रात के आखिर से शुरू होकर फज्र (सूरज निकलने से पहले) तक होता है। सहरी न करना या फिर सूर्योदय के बाद खाना खा लेना रोज़े को तोड़ सकता है।

 इसी तरह इफ्तार का समय सूर्यास्त के बाद से शुरू होता है। सूर्यास्त से पहले खाना या पीना रोज़ा तोड़ सकता है।

अगर आपने सुबह सही नियत के साथ रोज़ा रखने का इरादा नहीं किया, तो आपका रोज़ा शायद क़बूल न हो।

नियत (इरादा) की कमी:

रमज़ान में की जाने वाली आम गलतियाँ