– Anonymous
पूरे दिन सुस्त रहना या रात भर जागना:
रमज़ान का महीना सब्र और संयम का है। गुस्सा होना, गाली देना ।
या किसी के साथ बुरा बर्ताव करना रोज़े के असल मकसद के खिलाफ है।
रोज़े के दौरान सिर्फ खाने-पीने से ही रोज़ा नहीं टूटता। धूम्रपान करना, नशा करना
या किसी भी तरह से शरीर में धुआँ या अन्य पदार्थ पहुँचाना भी रोज़ा तोड़ सकता है।