दुनिया में आदमी को आज़ाद पैदा किया गया'
और फिर उसको रास्ता दिखाया गया।
नाशुक्री का रास्ता और शुक्रगुज़ारी का रास्ता।
अब यह आदमी के अपने
ऊपर
है कि वह दोनों में कौन सा रास्ता अपनता है।
नाशुक्री का रास्ता अपनाने वालों के लिए दोज़ख़ का अज़ाब है
और शुक्रगुज़ारी का रास्ता अपनाने वालों के लिए जन्नत की नेमतें हैं।
( तज़कीरुल क़ुरआन, पेज 1549)