कयामत के रोज़ अल्लाह तआला तमाम इंसानों को जमा करेगा
रोज़े क़यामत किसी इंसान से अज़ाब का टलना उसपर अल्लाह की बड़ी मेहरबानी होगी
रोज़े क़यामत मुशरिकीन से मुतालबा किया जायेगा कि कहाँ हैँ तुम्हारे सुरका
जिन्हे दुनिया में अल्लाह
का शरीक मुकर्रर करते थे
उस रोज़ जहन्नमी तमन्ना करेंगे कि काश ! उन्हें दुनियां में लौटा दिया जाये
ताकि वह अल्लाह की आयात को न झुटलायें और ईमान वाले बन जाएँ
दुनियां की ज़िन्दगी तो खेल और मशगलह है, आख़िरत की ज़िन्दगी बदर्जहा बेहतर है