पहला किस्सा जंगे बद्र का है तीन सौ तेरह ने एक हज़ार को शिकस्त दे दी,

दूसरा किस्सा हज़रत मरियम अलैहिस्सलाम के पास बेमौसम फल के पाए जाने का है,

तीसरा किस्सा हज़रत ज़करिया अलैहिस्सलाम को बुढ़ापे मे औलाद अता करने का है, 

चौथा किस्सा हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का बगैर बाप के पैदा होने

बचपन ही मे बोलने और ज़िन्दा आसमान पर उठाये जाने का है